1 करोड़ 68 लाख सदस्य के साथ काम कर रहा है हेल्पिंग हैंड

पूरे भारत में नॉर्थ ईस्ट के लोगो के लिए काम कर रहा है हेल्पिंग हैंड।
*1 करोड़ 68 लाख सदस्य बना कर संस्था कम समय में अग्रिम पंक्ति में।
• समाज के लिए घर बार सरा धन संस्था कि दिया दान।


दिल्ली समाज के लिए अपनी आदाएगी का हर शख्स आज के सेलफिश दौर में एहसास नहीं रखता है। कुछ लोग तो यूज एंड थ्रो के मात्र इन शब्दों को ही अपना मुख उद्देश बना के ज़िन्दगी गुजर देते हैं, जिससे वह व्यक्ति समाज में उसी समय तक प्रभावी रह पाता है जब तक वह सीट या अपनी पावर पर रहे किंतु कुछ शख्सियत ऐसी होती हैं कि वह मात्र अपने व्यक्तित्व मात्र से समाज को महका कर साफ सुंदर माहौल बनाए रहते हैं।
ऐसी ही एक शख्सियत राजधानी दिल्ली समेत तमाम राज्यों में अपने समय के चर्चित आईपीएस अधिकारी रॉबिन हीबु है। जिनकी प्रतिभा का अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वह दो बार सबसे बड़े पुरस्कार राष्ट्रपति पदक समेत तमाम पदकों को नौकरी के दौरान अपने नाम करते रहे हैं।
आज जब वह दिल्ली के स्पेशल कमिश्नर पद पर हैं फिर भी वह समाज के प्रति अपने दायित्वों को नहीं भूले जिसके चलते उनकी सामाजिक संस्था हेल्पिंग हैंड दबे कुचले वर्गों को न्याय दिलाते दिलाते चली तो अकेले थे किंतु कारवां बनाते बनाते आज यह संस्था 1 करोड़ 68 लाख मेंबरों की विशाल संख्या के साथ देश में एक मजबूत सामाजिक संस्था के रूप में उभरी है।
एंटी करप्शन इंडिया दिल्ली के सह संपादक मोंटू राजा ने रोबिन हिबू से विशेष बातचीत- 


प्र. आई.पी.एस जैसे महत्वपूर्ण पद के बावजूद अचानक संस्था बनाने की इच्छा क्यों जाएगी?


उ. आई.पी.एस अधिकारी की पोस्ट ही मुख्य समाज सेवा ही है, लिहाजा मैं ड्यूटी काल के दौरान ही इस सेवा को समाज सेवा के रूप में कर रहा हूं किंतु मुझे लगा कि हमसे लोगों की परेशानियां दूर नहीं हो पा रही हैं लिहाजा समाजसेवा से जिंदगी के आखिरी क्षणों तक कैसे जुड़ा राहू। लिहाजा सोच समझकर सामाजिक संस्था हेल्पिंग हैंड स्थापित की।


प्र. हेल्पिंग हैंड संस्था का उद्देश्य क्या है?
उ. आपातकाल में फंसे लोगों की मदद, दिल्ली एन.सी.आर के 54 प्राइवेट अस्पतालों में 20 से 60 फ़ीसदी गरीब मध्यमवर्गीय मरीजों को चिकित्सा में छूट दिलाना, किसी भी धर्म के लावारिस शव का दाह संस्कार उसके रीति रिवाज से करवाना, दिलवाना नॉर्थ ईस्ट ब्लड बैंक से ब्लड दिलवाना दूसरे राज्यों के दिल्ली में बसे लोगों को आपदा व मृत्यु के समय उनके घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आदि।


प्र. क्या संस्था की ये मांगे पूरी हुई?
उ. हां हमारी संस्था की मांगे पूरी हो रही हैं। इसके अलावा हमारी संस्था सिविल सर्विसेस के लिए निशुल्क कोचिंग, अनाथ बच्चों के लिए वजीफा, नॉर्थ ईस्ट में कैंसर चेकअप कैंप, कानून की निशुल्क सहायता व मदद, जुर्म से बचने के लिए जन जागरूकता, अनाथ बच्चों को संभ्रांत परिवारों में संस्था के माध्यम से शॉप कर उनकी आजीविका पर नजर रखना आदि है। 


प्र. समाज सेवा के लिए और क्या कर रहे हैं?
उ. गांव का घर भी पुस्तकालय और अस्पताल के लिए दान कर चुका हूं।


प्र. संस्था क्या सिर्फ नॉर्थ ईस्ट में काम कर रही है?
उ. नहीं पूरे भारत में नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के लिए काम किया जाता है, किंतु नॉर्थ ईस्ट इंडिया में हमारी संस्था बहुत मजबूत है।


प्र. पुलिस विभाग में कब आए?
उ. 1993 बैच का अरुणाचल प्रदेश का पहला आईपीएस ऑफिसर हूं। आईपीएस बनने के बाद एसीपी दिल्ली, डीएसपी अरुणाचल प्रदेश, एडिशनल डीसीपी दिल्ली, डीआईजी ईस्टर्न रेंज, आईजी अरुणाचल प्रदेश, ज्वाइंट कमिश्नर दिल्ली, नोडल अधिकारी नॉर्थ ईस्ट पुलिस, दिल्ली ज्वाइंट कमिश्नर राष्ट्रपति भवन, स्पेशल कमिश्नर दिल्ली प्रमुख हैं। 


प्र. इस दौरान कोई सर्वोच्च कार्य के लिए पदक?
उ. दो बार राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया, दो बार राज्य स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया, दो बार यूनाइटेड नेशन से पुरस्कार, इसके अलावा एक दर्जन से अधिक तमाम पदक हैं।


 


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