एंटी करप्शन इंडिया के प्रमुख संपादक द्वारा आज के समय को दर्शाती कुछ पंक्तियां... सबको सन्मति दे भगवान।।


सबको सन्मति दे भगवान।।


चले पश्चिम की हवा या पूरब कि,
बाबू ,दुनिया है मतलब की,


हाल जगत का क्या कहूं बाबू, 
नहीं अपने आप पर काबू ।।


आज की दुनिया मतलब वाली,
तन की उजली मन की काली।।
 
जिसकी खाए उसकी गए, 
वक़्त पड़े तो काम ना आए।।


आज का पंडित, आज का मुल्ला,
मज़हब बेचे खुलम खुल्ला।।


पण्डित जी भगवान् को बेचें,
मुल्ला जी क़ुरआन को बेचें।।


आज के मेंबर ,आज के नेता, 
जान गई  है सबको जनता।।


कुर्सी पाकर मौज करेंगे,
फिर न गरीबो की सुनेंगे।।


इनको ज़रा तुम रात में देखो, 
कौन है इनके साथ में देखो।।


क्लबों में जा कर डांस करेंगे, 
ये अंग्रेजी रोमांस करेंगे।।


कैसे लगेगी पार ये नईया?
आफत में है जान, सबको सन्मति दे भगवान।।


अतहर हुसैन


एंटी करप्शन इंडिया प्रमुख संपादक


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