जान देकर भी पीड़िता को नहीं मिला इंसाफ

*आशू यादव की खास रिपोर्ट SUB  ब्यूरो चीफ कानपुर*
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 *अंधा कानून लाचार प्रशासन* *अंधा कानून जान देकर भी पीड़िता को नहीं मिला इंसाफ*
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*पहले पति ने की आत्महत्या फिर पत्नी ने की आत्महत्या फिर भी न मिला इंसाफ, ये कैसा  यह कैसा अंधा कानून है*
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    *कानपुर. सूबे की योगी सरकार ने महिला उत्‍पीड़न रोकने हेतु बहुत सी योजनाएं बनाईं पर स्‍थानीय स्‍तर पर प्रशासन ने इन योजनाओं में पलीता लगाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। ताजा मामला थाना बादशाहीनाका का है, यहां सब्ज़ी मंडी निवासी संतोष कश्यप नाम के युवक ने विगत कु़छ दिन पूर्व दबंगों द्वारा अपनी पत्नी के साथ छेड़खानी किये जाने से आजिज आकर ज़हरीला पदार्थ खा कर आत्महत्या कर ली थी और आज़ इंसाफ न मिलता देख मृतक संतोष की पत्नी ने भी फाँसी लगा ली.*



*परिजनों का आरोप है कि स्‍थानीय पुलिस ने आरोपी विवेक क़ो गिरफ्तार भी किया था पर उसे 4 दिन तक थाना बादशाही नाका में बैठाले रखा और पीड़िता पर लगातार कम्प्रोमाइज का दबाव बनाया जाता रहा। इसका नतीज़ा ये निकला कि आज़ पीड़िता ने भी फाँसी लगा कर मौत क़ो गले लगा लिया। अब सवाल ये उठता है कि सारे नियम क़ानून ताक पर रख 4 दिन तक आरोपी क़ो थाने में बैठाने की मंशा आखिर क्या थी। अगर आरोपी क़ो जेल भेज कर सख्‍त कानूनी कार्यवाही  की गई होती तो शायद एक जान बच जाती।*


 


*जानकारी के अनुसार मौके से मृतका का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है जिसमें मृतका द्वारा छेड़खानी करने के आरोपी विवेक को आत्‍महत्‍या का दोषी बताया गया है और देवर बबलू को कहा गया है कि वो आरोपी विवेक को उचित सजा दिलवाये। बताते चलें कि कुछ स्‍थानीय दबंगों द्वारा मामले को अवैध सम्‍बन्‍धों से जोड़ कर आरोपी को बचाने के कुत्सित प्रयास किये जा रहे हैं पर मृतका का सुसाइड नोट सारी सच्‍चाई स्‍वयं बयान कर रहा है। अब देखना ये है कि जान देने के बाद भी मृतका को इन्‍साफ मिल पाता है कि नहीं।*
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 *आशू यादव की खास रिपोर्ट SUB ब्यूरो चीफ कानपुर*
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