अब सब्जियां भी हुईं हिंदू-मुस्लिम! ये नफरत देश को ‘गोदी मीडिया’ ने दी है

अब सब्जियां भी हुईं हिंदू-मुस्लिम! ये नफरत देश को ‘गोदी मीडिया’ ने दी है : पत्रकार


16/04/2020  M RIZWAN




जावेद को सब्जी बेचने से मना किया गया तो उसने अपना नाम संजय रख लिया. लेकिन जिन्ना के हिंदू चेलों ने आधार कार्ड चेक किया और पहचान लिया कि वह संजय नहीं है, जावेद है. अब जावेद सब्जी नहीं बेचेगा, क्योंकि वह मुलसमान है. लखनऊ से कमाल खान ने रिपोर्ट किया है.


बुलंदशहर में ठेलों पर भगवा झंडे लगा दिये गए हैं, ताकि हिंदू भगवा झंडे वाले ठेले से ही सब्जी फल खरीदें. ऐसा होने दिया जा रहा है. एक सब्जी वाला कह रहा है कि किसी हिंदू परिषद वालों ने लगाया है.


कोरोना वायरस की यह हिंदू मुसलमान थ्योरी जानकर दुनिया सन्न रह जाएगी. वैज्ञानिक हमारी महानता पर हैरान होंगे कि हमने महामारी को भी हिंदू मुसलमान में बदल दिया है. इससे भारत का गौरव बढ़ेगा.


कोरोना वायरस ने यह हलफनामा कब दिया है कि मैं हिंदू ठेलों से नहीं फैलूंगा और मुसलमान ठेले से फैलूंगा? आम लोगों को आधार चेक करने का अधिकार किसने दिया? एक गरीब आदमी को गली में न निकलने देने का कानून कब पास हुआ? कुछ मौलानाओं की गलती की सजा देश भर के गरीबों को क्यों मिल रही है?


भगत सिंह, राजगुरु, बिस्मिल और अशफाक उल्लाह के देश में हमने कब सोचा था कि एक दिन जब देश में महामारी फैली होगी, हमारी सब्जियां हिंदू मुसलमान हो जाएंगी? मेरी जानकारी में केंद्र या राज्य की किसी सरकार ने इस नफरत के वायरस को रोकने के लिए अब तक कोई कोशिश नहीं की है. यह बेहद अमानवीय और क्रूरतापूर्ण है. क्या हमारा समाज ऐसा होना चाहता है कि वह धर्म के आधार पर किसी की रोजीरोटी और पेट पर लात मारे?


महामारी के दौर में मीडिया और सोशल मीडिया ने मिलकर देश को नफरत का यह नायाब तोहफा दिया है. सरकारों से अपील है कि वे ऐसा न होने दें. यह सब समाज को तोड़ डालने की कोशिशें हैं.


(ये लेख पत्रकार कृष्णकांत के फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है)


Featured Post

अलीगढ़ मॉब लिंचिंग की घटना समाज और देश के ऊपर कलंक : सैयद अदनान अशरफ

  अलीगढ़ मॉब लिंचिंग की घटना समाज और देश के ऊपर कलंक, पीड़ितों पर ही एफआईआर भाजपा की बदला लेने की मानसिकता का सबूत : सैयद अदनान अशरफ नई दिल्...