सोशल डिस्टेन्सिंग की अवहेलना कर हिन्दू संत के अंतिम दर्शन में शामिल हुए हजारों भक्त

सोशल डिस्टेन्सिंग की अवहेलना कर हिन्दू संत के अंतिम दर्शन में शामिल हुए हजारों भक्त


 


19/05/2020  मो रिजवान 


 


देश में कोरोना के मामले में एक लाख को पार कर चुके है। लेकिन लॉकडाउन और सोशल डिस्टेन्सिंग की अवहेलना करना जारी है। ताजा मामला मध्य प्रदेश के कटनी का है। जहां गृहस्थ संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी के अंतिम दर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। इस दौरान सोशल डिस्टेन्सिंग का भी पालन नहीं किया गया। इनमें नेता-अभिनेता भी थे।



हालांकि जिला प्रशासन ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत किसी नियम का उल्लंघन नहीं हुआ। कलेक्टर शशि भूषण सिंह और पुलिस अधीक्षक ललित शाक्यवार ने राज्य शासन की ओर से पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा बीजेपी नेता अजय विश्नोई, पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया, बीजेपी नेता संजय पाठक, अभिनेता आशुतोष राणा और राजपाल यादव भी शामिल हुए।


बता दें कि दद्दा जी पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के एम्स (AIIMS) में भर्ती थे। डॉक्टरों के जवाब देने के बाद उन्हें बीते शनिवार को ही मध्य प्रदेश के कटनी स्थित आश्रम में लाया गया था। बीजेपी विधायक संजय पाठक उन्हें अपने साथ दिल्ली से कटनी ले गए थे। इसके बाद से ही कटनी आश्रम ने बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज नेता दद्दा जी को देखने पहुंचे थे।


https://twitter.com/Anurag_Dwary/status/1262375552020811779?s=19



इससे पहले कर्नाटक के रामनगर में लॉकडाउन की धज्जियाँ उड़ा एक धार्मिक मेले का आयोजन किया गया। जिसमे हजारों की संख्या में लोग उमड़ आए। जिले में सिद्धलिंगेश्वर मेला लॉकडाउन के बावजूद आयोजित हुआ। चित्तपुर तालुक में आयोजित मेले में सैकड़ों लोग शामिल हुए।


इसी तरह का आयोजन मध्य प्रदेश के सागर जिले में भी हुआ जिसमें जैन मुनि पारामनसागर के स्वागत के लिए लोगों की विशाल भीड़ उमड़ी थी। वहीं उत्तराखंड में भी इस तरह का उल्लंघन देखा गया है जहां लोगों की भीड़ बदरीनाथ मंदिर में उमड़ी थी। श्रद्धालुओं की भीड़ में शारीरिक दूरी की परवाह तक नहीं की गई।


 


https://twitter.com/dpkBopanna/status/1260978518101340160?s=19


हाल ही में उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में भाजपा विधायकों सहित हजारों लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए स्वामी विरक्तानंद उर्फ ​​शोभन सरकार को अंतिम विदाई दी थी। इस दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया।


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