UP बॉर्डर पर फंसी सुनीता 3 दिन से भूखी है, उसे उम्मीद थी योगी ‘बस-खाना’ भेजेंगे लेकिन भेज दिए पुलिस के डंडे
18/05/2020 M RIZWAN
ये सुनीता हैं. तीन दिनों से इन्होंने कुछ खाया नहीं है. इनको उम्मीद है कि सरकार बस भेजेगी, ट्रेन भेजेगी, हमारे लिए खाना भेजेगी. सरकार ने पुलिस के डंडे भेज दिए हैं. ऐसे लाखों लोग हैं जो भूखे पेट अपने घर जाने के लिए सड़कों पर मौजूद हैं.
सुनीता के अलावा सैकड़ों मजदूरों को दिल्ली से यूपी में प्रवेश करने से रोक दिया गया है. राजस्थान, महाराष्ट्र, दिल्ली और तमाम राज्यों से आने वालों को सीमा पर रोका जा रहा है.
प्रियंका गांधी सुबह से चार ट्वीट कर चुकी हैं. उनका कहना है कि हमने मजदूरों को घर छोड़ने के लिए 1000 बसों की व्यवस्था की है. योगी सरकार इजाजत नहीं दे रही है. सरकार इस बारे में मौन है और अपना बीस लाख करोड़ गिना रही है. यूपी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में मजदूर एकत्र हैं. उन्हें बॉर्डर पार करने से रोक दिया गया है.
झांसी में बॉर्डर पर पुलिस ने मजदूरों पर लाठी चार्ज किया है. रीवा के चाकाघाट इलाके में मजदूरों ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश बॉर्डर पर पुलिस बैरिकेड तोड़ दिया और आगे बढ़ गए.
राजस्थान में कांग्रेस ने भरतपुर और अलवर में मिलाकर 500 बसों की व्यवस्था की है जो मजदूरों को लेकर उनके घरों की ओर रवाना हो चुकी हैं.
गुजरात के राजकोट में श्रमिक स्पेशल रद्द कर दी गई तो मजदूर भड़क गए और वाहनों में तोड़फोड़ की और पथराव किया.
यूपी में मथुरा आगरा हाईवे को मजदूरों ने जाम कर दिया. वे मांग कर रहे हैं कि सरकार उन्हें उनके घर भेजने का इंतजाम करे.
आप जिन्हें सफेद घोड़े पर सवार फरिश्ता बता रहे थे, जिनके छड़ी घुमाते ही दुनिया बदल जानी थी, उन्होंने सबसे कमजोर लोगों को न सिर्फ अकेला छोड़ दिया है, बल्कि न उनकी कोई मदद कर रहे हैं, न दूसरे को करने दे रहे हैं. वे प्रेस कॉन्फ्रेंस करवा कर जनता को अब भी यही संदेश भेज रहे हैं कि हम बहुत महान हैं.
ये लेख कृष्णकांत की फेसबुक वाल से साभार लिया गया हैं