देश में 30 राज्यों के 548 राज्यों में लॉक डाउन, उल्लंघन करने पर जाना होगा जेल

*आशू यादव की कलम कानपुर से खास रिपोर्ट उत्तर प्रदेश ऑल इंडिया रिपोर्ट।*
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         *नई दिल्ली*
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देश में 30 राज्यों के 548 राज्यों में लॉक डाउन, उल्लंघन करने पर जाना होगा जेल




 *सरकार की ओर से लॉकडाउन के एलान के बाद भी नहीं मान रहे लोगों पर अब सख्ती होगी। किसी ने लॉकडाउन के दौरान गैरजरूरी काम के लिए सड़क पर उतरने की कोशिश की या फिर भीड़ इकट्ठी की तो छह महीने की जेल या हजार रुपये जुर्माना या फिर दोनों हो सकता है। लॉकडाउन के आदेश का उल्लंघन कर रहे लोगों पर पीएम नरेंद्र मोदी की नाराजगी के तत्काल बाद केंद्र की ओर से राज्यों को कहा गया है कि लॉकडाउन लागू करने के लिए कानूनी प्रावधान अपनाएं। केंद्र के निर्देश के बाद हालात से निपटने के लिए सोमवार शाम तक पंजाब, महाराष्ट्र, पुडुचेरी और चंडीगढ़ प्रशासन ने क‌र्फ्यू का एलान कर दिया था।*


*पीएम मोदी ने की थी आलोचना*


*पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी भी कई लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं। राज्य सरकारें नियमों का पालन करवाएं।*


 *गैरजरूरी काम से बाहर निकलने वालों पर होगी कार्रवाई*


*कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए पूर्वोत्तर के छह राज्यों समेत देश के दो दर्जन राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में पूर्ण लॉकडाउन और आधा दर्जन राज्यों के कुछ जिलों में लॉकडाउन समेत देश के 548 जिलों में लॉकडाउन का एलान किया गया है। इस दौरान सिर्फ जरूरी सेवाओं को ही अनुमति दी गई है। लोगों को गैरजरूरी काम से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। लेकिन सोमवार को दिल्ली समेत कई शहरों में सड़कों पर लोगों का हुजूम दिखा। बसों में लोगों की भीड़ भी दिखी, जो कोरोना संक्रमण के प्रसार के लिहाज से न सिर्फ घातक है बल्कि जनता क‌र्फ्यू जैसे अभियान की मंशा को भी धूमिल करता है। यूं तो प्रधानमंत्री ने रविवार को जनता क‌र्फ्यू के बीच ही कह दिया था कि अभी उत्सव मनाने का वक्त नहीं है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी चल सकती है। सोमवार को लोगों का व्यवहार देखकर उनकी नाराजगी फूट पड़ी और उन्होंने चेताया कि अपने और अपने परिवार का तो ध्यान रखें।*


*छह महीने की जेल या हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान*


*स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी तीन दिन पहले ही राज्यों को कहा गया था कि निर्देशों का पालन* *सुनिश्चित कराएं। सोमवार को फिर निर्देश दिया गया कि अब सख्ती करने का वक्त है। सोशल डिस्टेंसिंग के लिए लॉकडाउन जैसे प्रावधान का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कदम उठाने होंगे। इसमें छह महीने की जेल या हजार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। जाहिर तौर पर यह उन नेताओं के लिए भी संकेत है जो अपनी धमक बनाने के लिए अब भी भीड़भाड़ के साथ चलते नजर आ रहे हैं। महामारी रोग कानून 1897 के तहत इसका प्रावधान है। कोरोना के संदिग्ध जिन लोगों ने आइसोलेशन में जाने के निर्देशों का उल्लंघन किया है, उन पर भी यह नियम लागू है। केरल समेत कुछ राज्यों में लॉकडाउन और कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों पर यह धारा लगाई गई है।*


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