दिल्ली:-
लॉक डाउन के बाद राज्यों में प्रवासी मजदूर फंसे हैं। जिसके बाद कई महानगरों से प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही मिलो मील चलकर अपने गांव अपने घरों का रास्ता तय किया हैं। राजधानी दिल्ली में भी करोड़ों की तादाद में प्रवासी मजदूर रोजगार के लिए आए थे। जिसके चलते दिल्ली सरकार द्वारा असहाय लोगों के लिए दिल्ली के सरकारी स्कूलों में दिन में दो वक्त का भोजन मोहिया कराया गया, जिसके बाद अब दिल्ली सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को रेल के माध्यम से उनके राज्यों गांवों तक पहुंचाया जा रहा है।
दिल्ली के उत्तर पूर्वी क्षेत्र नंद नगरी से डीटीसी बसों द्वारा मजदूरों को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचाया जा रहा हैं। जिसके बाद मजदूर वहां से रेल के माध्यम से अपने राज्य और गांव पहुंचेंगे।
दिल्ली उत्तर पूर्वी क्षेत्र नंद नगरी की सड़क पर सैकड़ों की तादात में मजदूर जमा थे, जिनसे एंटी करप्शन इंडिया के सह संपादक मोंटू राजा ने बातचीत कर उनकी परेशानियों के बारे में जाना। जिस पर मौजूदा मजदूरों ने बताया कि पिछले 3 दिन या 4 दिन से रोज अपने घरों से नंद नगरी पॉइंट पर आते हैं और अपने घर वापस जाने के लिए प्रयास करते हैं। मौजूदा लोगों ने यह भी बताया की दिल्ली सरकार द्वारा किराया ना लिए जाने के आदेश के बावजूद मकान मालिकों ने उनसे किराया वसूला है। और दिल्ली सरकार द्वारा ₹5000 प्रति माह मजदूरों को देने का वादा किया गया था उनसे वह वंचित है। मजदूरों का कहना है कि अब रोजगार नहीं बचा है जिसके चलते उन्हें पलायन करना पड़ रहा है।
जनता फ्लैट नंद नगरी सरकारी स्कूल के अंदर सरकार द्वारा मजदूरों का मेडिकल चेकअप करने के बाद उन्हें डीटीसी की बसों द्वारा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचाया जाता है। जहां पर उन्हें रेल के टिकट प्रदान कर लोगों को उनके राज्य उनके गांव भेजा जा रहा है।
इस प्रक्रिया की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने बात की (दिल्ली अंडमान निकोबार सिविल सर्विस) अधिकारी अभिषेक जी से जो शाहदरा डिस्ट्रिक्ट के डीएम कार्यालय में कार्य कर रहे हैं।
अभिषेक जी द्वारा जानकारी प्रदान की गई जिसमें यह बताया गया की प्रतिदिन 350 से 400 लोगों को बसों द्वारा नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचाया जाता है। जिसके बाद दिल्ली सरकार द्वारा 150 से 200 रेल टिकट प्रति जिले को दिए जाते हैं दिल्ली में कुल 11 जिले हैं जिसके बाद मजदूरों को रेल के माध्यम से उनके राज्य ने भेजा जाता है।
अभिषेक जी ने जानकारी देते हुए यह भी बताया की इस प्रतिक्रिया में क्योंकि निर्धारित संख्या में ही लोग जा सकते हैं। जिसके चलते लोगों की भीड़ ज्यादा हो जाती है और थोड़ा समय लगता है। परंतु लोगों के लिए सरकार द्वारा व सामाजिक संस्थाओं द्वारा खाने-पीने व नाश्ते का प्रबंध किया जाता है जिसके चलते जनता को ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े।