मोहम्मद शमी अंसारी ने गंगा में बढ़ रहे टेनरी द्वारा प्रदुषण पर दी जानकारी , और किये बड़े खुलासे ।

कानपुर:-


कानपुर उत्तर प्रदेश का वह शहर जो चमड़े के कारोबार के लिए मशहूर है। या कहा जाए के देश भर में सबसे ज्यादा चमड़े का व्यापार और उत्पाद कानपुर में होता है, तो यह गलत नहीं होगा।


आज स्थिति यह है की चमड़े की टेंड्री होते हुए भी चमड़े का उत्पाद सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है। कानपुर शहर के अंदर चमड़े के उत्पाद से जो चमड़े फैक्ट्रियों से वेस्ट मटेरियल और प्रदूषण होता था जिसके कारण सरकार ने इसे रोक दिया।



इसका एक कारण यह भी है कि इस चमड़े के कारोबार में माफिया और दलालों ने अपनी बड़ी पकड़ बनाई जिसके साथ साथ सरकारी विभागों ने भी इनका साथ दिया और भ्रष्टाचार और दलाली के माध्यम से चमड़ा फैक्ट्री मालिकों पर इसका असर देखा गया। 



इस संबंध में एंटी करप्शन इंडिया को मोहम्मद शमी अंसारी जोकि इंपीरियल लैदर फिनिशर प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर हैं जिसकी स्थापना 1982 में हुई थी। और वह बीजेपी पार्टी के अल्पसंख्यक समाज सेवक भी हैं। शमी अंसारी द्वारा जानकारी दी गई जिसमें यह बताया कि 1995 में सीटीपी बना जिसके कारण थे टेनरी से प्रदूषण वायु प्रदूषण व जल प्रदूषण के तहत कार्य कर उसको नियंत्रण रखा जाए। सीटीपी के तहत 175 टेनरी की क्षमता थी परंतु माफियाओं दलालों और जल विभाग पोलूशन विभाग से सांठगांठ कर आज जिस सीटीपी की क्षमता 175 टेनरी की थी आज वही 300 से 400 टेनरी चलाई जा रही हैं जिसके चलते गंगा प्रदूषित हो रही है और जल प्रदूषण बढ़  रहा है


सीटीपी के तहत टेनरी से गंदगी व पोलूशन को नियंत्रण करने हेतु कार्य होता है। बीजेपी सरकार के आने के बाद 5 से 6 साल से टेनरियां बंद है। जिससे गंगा में प्रदूषण ना पहले की अपेक्षा  कम हो गया है पिछली सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया  पर बीजेपी सरकार आने के बाद इस पर तुरंत कार्यवाही कर टेनरियों को बंद किया गया। 


शमी अंसारी ने बताया कि जब वह सूबे के मुख्यमंत्री से मिले तो योगी आदित्यनाथ ने बताया कि हमें किसी भी कारोबारी से बैर नहीं है परंतु गंगा को दूषित नहीं होने दिया जाएगा। सरकार ने 18.5 करोड़ जल निगम को दिया है जिस पैसे से सभी मोटरों को ठीक कराया जाएग। सरकार ने 500 करोड़ का प्रोजेक्ट दिया है जिससे बड़ा ट्रीटमेंट प्लांट बनवाया जाएगा।


20 एमएलडी प्लांट पास हुआ इस प्रोजेक्ट में सरकार का कहना है कि इसका 5% टेनरी वालो को देना होगा जिसके तहत 25 करोड़ टेनरी वालों को देना होगा। जिस पर सरकार से प्रदूषण  रोकने के विषय में अनुरोध किया जा रहा है तथा मंत्री नितिन गडकरी को भी इस संदर्भ में पत्र लिखा गया है  जिसमें हमने कहा है जब सरकार 500 करोड़ दे सकती है तो 25 करोड़ का भी अनुदान करें, या फिर प्लांट बनने के बाद पैसा लिया जाए।


इस पूरे समीकरण में 10 -12 लोगों का वर्चस्व है। पहले  5-6 वर्षों से कारोबार नहीं चल रहा जिसके चलते छोटे ट्रेन ट्री वाले समाप्त होते जा रहे हैं। ‌ अब केवल बड़े लोगों का ही दबदबा रहेगा। जो जेदाता बनाया है एसोसिएशन ने 12 -14 लोगों ने यह फॉर्म बनाकर उगाही का कार्य शुरू कर दिया है।


पोलूशन या वीकर सेक्शन की नुमाइंदगी करता हूं जिसके लिए मैं लड़ाई भी लड़ रहा हूं और अदालत में यह मामला चल रहा है की 175 टेनरी से 400 कैसे हो गई? भ्रष्टाचार और रिश्वत के दम पर आज 175 टेनरी की जगह 400 टेनरी है जिसके चलते गंगा में प्रदूषण बड़ा है।


यह पूरा मामला सांसद सत्यदेव पचौरी जी के संज्ञान में है। पहले भी सांसद सत्यदेव जी उत्तर प्रदेश सरकार में थे उस समय भी टेनरी के लिए वह बहुत मददगार साबित हुए थे। और इस बार भी सांसद सत्यदेव पचौरी जी के हस्तक्षेप से समस्त टेनरीयां खोल दी गई हैं।


नमामि गंगा प्रोजेक्ट के तहत सरकार चाहती है कि गंगा को प्रदूषित ना किया जाए। जिस टेनरी की क्षमता 30 हाइट की है परंतु वह  20 भी नहीं चला पाती हैं। ‌ वही जिसकी 50 हाइट की अनुमति सरकार द्वारा प्राप्त है वह 500 चलाते हैं। ‌ जिस पर सरकार ध्यान नहीं दे रही है वह सरकारी प्रशासन के कुछ लोगों की सांठगांठ से यह चल रहा है।


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