छात्रों के लिए यूसीएमएस और जीटीबीएच में वयस्क टीकाकरण केंद्र शुरू

दिल्ली: 

टीकाकरण ( इम्यूनाइजेशन) स्वास्थ्य सेवाओं का एक महत्वपूर्ण घटक है जिसका उद्देश्य लोगों को संक्रमित होने से पहले टीकाकरण करके रोगों के संक्रामक को रोकना और अंततः समाप्त करना है। हालाँकि टीकाकरण बच्चों की स्वास्थ्य देखभाल का एक अभिन्न अंग है, लेकिन वयस्कों में इस तथ्य को कम आंका जाता है, यहाँ तक कि इसे नज़रअंदाज भी कर दिया जाता है।



मरीजों के लगातार संपर्क में रहने के कारण यूसीएमएस और जीटीबीएच में पढ़ाई करने वाले युवा स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों के लिए बढ़ते जोखिम को ध्यान में रखते हुए, प्रिंसिपल यूसीएमएस डॉ. पीयूष गुप्ता और एमडी जीटीबीएच डॉ. अस्मिता राठौड़ के मार्गदर्शन में यूसीएमएस और जीटीबीएच में इन छात्रों के लिए वयस्क टीकाकरण सेवाएं शुरू की गई हैं।  

उपरोक्त सेवाये डॉ. संजय चतुर्वेदी अध्यक्ष सामुदायिक चिकित्सा विभाग और नोडल अधिकारी डॉ. मधु उपाध्याय की निगरानी और डॉ. जी एस रंगा, अध्यक्ष मेडिसिन विभाग एवम नोडल अधिकारी डॉ. अंशुमान श्रीवास्तव के सहोयग से प्रारंभ कि गई।




डॉ. पीयूष गुप्ता ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि न्यूमोकोकल निमोनिया, इन्फ्लूएंजा, रूबेला, वैरिसेला, हेपेटाइटिस ए और टेटनस जैसी बीमारियाँ, जो वयस्कों में गंभीर जटिलताओं से जुड़ी हो सकती हैं, टीका-रोकथाम योग्य हैं और इस प्रकार विशेष रूप से वयस्क टीकाकरण के महत्व को इंगित करती है खासकर जिनकी आयु 65 से ऊपर है।



डॉ. अस्मिता राठौड़ ने कहा कि एचपीवी के खिलाफ युवा महिलाओं में टीकाकरण से भविष्य में कैंसर के खतरे को रोका जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि वह वयस्क टीकाकरण के बारे में जागरूकता बढ़ाकर वयस्क रोगियों और जीटीबीएच में आने वाले लोगों के लिए इसी तरह का अभियान शुरू करने की योजना बना रही हैं।

जिन छात्रों के लिए यह पहल की गई है, उन्होंने उनके कल्याण के लिए इस तरह के विचारशील और सहायक कदम के लिए यूसीएमएस और जीटीबीएच प्रशासन को धन्यवाद दिया। 

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