*रेप इन इंडिया पर आखिर मतभेद क्यो*

*रेप इन इंडिया पर आखिर मतभेद क्यो* 


 *इन दिनों राहुल गांधी के रेप इन इंडिया के बयान पर  मचकर बवाल मचा हुआ है ।कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर लोकसभा में  जबर्दस्त हंगामा देखने को मिला। झारखंड  की रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि हिंदुस्तान बलात्कार की राजधानी बन गया है। जिस पर  केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी समेत कई महिला सांसदों ने राहुल गांधी से माफी की मांग की।राहुल गांधी ने मेक इन इंडिया की तुलना रेप इन* *इंडिया से की थी।वही इस प्रकरण में  लोकसभा में स्मृति ईरानी ने कहा, गांधी खानदान के सदस्य ने कहा है* *कि महिलाओं का बलात्कार होना चाहिए, देश में हर कोई बलात्कारी नहीं है।* 
 *जो बलात्कारी है, उसे कानून सजा देता है। हर महिला को कलंकित नहीं किया जा सकता है, इसपर एक्शन लेना चाहिए। वही इस बयान पर स्मृति ईरानी ने कहा कि देश की महिलाएं उनकी बपौती नहीं हैं, रेप इन इंडिया का बयान देने का जो* *दुस्साहस उन्होंने किया है। उसपर एक्शन होना चाहिए। वही इस मामले को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जिस तरह से तिल का ताड बना रही है वो वाकई शर्मनाक है। राजनीति का स्तर किस तरह गिर जाएगा वह इस प्रकरण में देखने को मिला है। कांग्रेस नेता  राहुल गांधी  ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि देश मे महिलाओ के साथ हिंसक घटनाओ में व्रद्धि हो रही है। तो देश कैसे मेक* *इन इंडिया बन रहा है। यहाँ तो रेप इन इंडिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद मोदी भी कह चुके है की देश की राजधानी दिल्ली रेप कैपिटल बन चुकी है। वही इस मामले में राजनैतिक विशेषज्ञों की माने तो  केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सिर्फ राजनैतिक रोटियां सेक रही है और वह नागरिकता संशोधन बिल के विरुद्ध हो रहे उपद्रव की जगह इस मुद्दे को उछाल उस पर पर्दा डालने की कोशिस की है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी  को अगर इतना ही महिलाओ* *की चिंता और सुरक्षा है तो वह तब क्यो नही बोलती जब उनके पार्टी के माननीयों पर रेप के आरोप लगे । इसके साथ ही जब लोकसभा में महिलाओ के किसी भी मुद्दे पर बोलने की बात आती है तो यह चुपचाप कही गुम हो जाती है। लेकिन जब  कांग्रेसी नेता राहुल गांधी का बयान आता है तो वह तब बयान तो तोड़ मरोड़कर कर  पेश करके महिलाओं के  हित की बात करती है की महिलाओं की सुरक्षा की चिंता* *सिर्फ बीजेपी ही करती है। अगर देखा जाए तो इस सरकार में महिलाओ के साथ बढ़ती घटनाओं ने  महिलाओ की सुरक्षा पर पश्न चिन्ह लगा दिया है। अब तो एक बात साफ हो गयी है केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी सिर्फ राजनीति कर रहीं है  अगर उनको वाकई महिलाओ की इतनी चिंता होती तो वह उन्नाव रेप कांड और हैदराबाद में हुए  मामलों* *को लेकर संसद में महिलाओ के हित के लिए अवश्य आवाज उठाती लेकिन उन्हें तो सिर्फ अपना उल्लू सीधा करना है महिलाओ के हित की बात करना* *उनकी किताब में नही है सिर्फ उन्हें राहुल गाँधी के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश करना  है। उन्नाव  के बिहार में दुष्कर्म पीड़ित परिवार  से मिलने  का उन्ही के पार्टी के* *विधायक के पास समय नही जो की वह खुद उस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है। इसके साथ ही विधानसभा के अध्य्क्ष भी है। इस प्रकरण में  परिजनों ने आरोप लगाया था कि उन्होंने दुष्कर्म*  *पीड़िता  के आरोपियो की मदद की। जिसके कारण उनकी लड़की को इन आरोपियों ने उसको जिंदा जला दिया। इस मामले में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुप रही क्योकि यह उनके पार्टी का मामला था। इस मामले के बाद यह साबित हो गया कि महिलाओ के लिए नही सिर्फ राजनैतिक  महत्वाकांक्षाओ की पूर्ति के लिए वह इस तरह अनर्गल बयानबाजी करती है।* 


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