भोजन प्राप्त करने आए लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई धज्जियां! प्रबंधक ने रिपोर्टिंग में की बाधा उत्पन्न।


दिल्ली उत्तर पूर्वी क्षेत्र सुंदर नगरी:-


लॉक डाउन के बाद दिल्ली सरकार दिल्ली के अंदर मौजूद सभी सरकारी स्कूलों के अंदर जरूरतमंद लोगों को खाना मुहैया करवा रही है। लाखों लोग सरकारी स्कूलों के अंदर जाकर अपने लिए भोजन प्राप्त करते हैं। परंतु भोजन प्राप्ति के दौरान लोग भूल जाते हैं कि कोरोनावायरस महामारी से बचने के लिए उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना बहुत अहम है।



कोरोनावायरस महामारी से बचने के लिए जनता को सोशल डिस्टेंसिंग का खासा ध्यान रखना है। क्योंकि अभी तक कोरोना वायरस से बचने के लिए किसी भी तरह की कोई दवा उपलब्ध नहीं है। जरूरतमंद लोगों को भी यह समझ नहीं है की सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाने से उनकी स्वयं की जान खतरे में है।



लाखों की संख्या में लोग भोजन प्राप्त करते हैं परंतु भूख के कारण लोग इस चीज को समझ नहीं पाते हैं और सैकड़ों की तादाद में लोग भोजन प्राप्त करने आए सोशल डिस्टेंसिंग को ताक पर रख एक साथ जमा होकर बैठते हैं।


उत्तर पूर्वी क्षेत्र सुंदर नगरी के सरकारी स्कूल के अंदर जब हमने देखा उस समय किसी भी तरह का कोई सुरक्षा बल यह सुरक्षा कर्मचारी मौजूद नहीं था। एंटी करप्शन इंडिया ने जब स्कूल के अंदर जाकर रिपोर्टिंग शुरू की तब अचानक स्कूल के अंदर हड़कंप मचा और दिल्ली सिविल डिफेंस के कार्यकर्ता इधर उधर भाग दौड़ कर लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग बनवाते नजर आए।



मौजूदा लोगों से प्राप्त हो रहे भोजन की गुणवत्ता के बारे में जानकारी ली जिस पर लोगों का यह कहना था की भोजन तो प्राप्त हो रहा है और उसकी गुणवत्ता भी ठीक है। परंतु लोगों का कहना है कि पिछले 30 दिनों से हर रोज दो वक्त सिर्फ चावल ही उन्हें प्राप्त हो पाते हैं। मौजूदा लोगों में कुछ लोग ऐसे भी थे जिनका यह कहना था कि खाने की मात्रा कम प्राप्त हो पाती है जिसके चलते भोजन पर्याप्त मात्रा में उन्हें और परिवार को नहीं मिल पता है। मौजूदा लोगों ने राशन प्राप्ति को लेकर भी अपनी नाराजगी जताई। जो अन्य राज्यों से आए लोग हैं उनको खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


एंटी करप्शन इंडिया की टीम इस पूरे समीकरण को कैप्चर कर रही थी कि तभी प्रबंधक लोगों में से कुछ लोगों ने मीडिया को रोकना चाहा जिसके बाद उनसे सवाल पूछने पर वह कैमरे के सामने भागते नजर आए। जमीनी स्तर पर कुछ सच्चाई या ऐसी भी हैं जो दिखाए जाने से लोग रोते हैं क्योंकि सरकार द्वारा जो भी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं वह जमीनी स्तर तक पूरी शायद नहीं पहुंच पा रही है जिसके चलते उन्हें यह डर है कि सच्चाई को दुनिया तक ना दिखाया जाए तत्पश्चात ऐसे लोग मीडिया का विरोध कर उनसे से छुपाते हैं व खुद छुपते नजर आते हैं।


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