सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता का निधन, योगी आदित्यनाथ की हुई आंखें नम।

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*आशू यादव की खास रिपोर्ट SUB Bureau Chief Kanpur*
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*सीएम योगी आदित्यनाथ को सूचना थी कि उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट की तबीयत अत्यंत* *गंभीर है। सीएम योगी आदित्यनाथ को पिता के निधन की जानकारी मिली तो उस दौरान वो टीम 11 की बैठक ले रहे थे। इस घटना की जानकारी मिलने के बाद सीएम की आंखें कुछ देर के लिए नम हो गई।  मुख्यमंत्री अमूमन मीटिंग के दौरान चेहरे पर लगे मास्क को नीचे रखते हैं लेकिन आज ऐसा नहीं हुआ। इससे चेहरे का भाव भले कुछ हद तक छिप जा रहा था,पर आंखों की उदासी,उनकी नमीं बता रही थीं कि सब कुछ ठीक नही। बावजूद इसके राजधर्म का पालन पहली प्राथमिकता पर रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समयानुसार मीटिंग शुरू की। टीम 11 के अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री विचार-विमर्श और कोरोना को लेकर प्रदेश की हालात पर चर्चा करते और अधिकारियों को निर्देश भी देते रहे।



 इसी बीच करीब 10 बजकर 44 मिनट के आसपास मीटिंग में उस व्यक्ति का आना हुआ, जिसे कम ही किसी मीटिंग में आते देखा गया है। बात मुख्यमंत्री के सबसे करीबी शख्स यानी बल्लू राय की हो रही है। बल्लू के चेहरे पर दुख का भाव झलक रहा था। बल्लू ने एक पर्ची मुख्यमंत्री को दी। इसे पढ़कर मुख्यमंत्री ने किसी से बात कराने का निर्देश बल्लू को दिया। बल्लू ने फोन लगाया और मुख्यमंत्री बात करने लगे। बात महज एक मिनट की रही होगी और मुख्यमंत्री ने फोन पर कहा कि वह मीटिंग के बाद फिर बात करेंगे। बल्लू चले गये मुख्यमंत्री कुछ सेकंड के लिए शांत हो गए। फिर उन्होंने मीटिंग में अधिकारियों से सवाल-जवाब करना शुरू कर दिया। मीटिंग ठीक वैसे ही चलती रही जैसे रोजाना चलती है।*


*इस बीच सबने देखा कि मुख्यमंत्री योगी की आंखें नम हो चुकी हैं। शायद उधर से उन्हें पिता के निधन का समाचार मिला था, लेकिन मुख्यमंत्री होने के नाते उन्होंने प्रदेश की जनता की सेवा सर्वोपरि रखी और कोविड से लड़ने की रणनीति बनाने की मीटिंग करते रहे।  सभी को पता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री होने से पहले वो एक संन्यासी हैं, गोरक्षपीठाधीश्वर हैं। लेकिन पिता के निधन का समाचार मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री की कार्यशैली ठीक वैसे ही चलती रही। एक तरफ जहां आंखों में नमी उनके दुख की सबूत था तो दूसरी तरफ 23 करोड़ जनता की सुरक्षा की चिंता का फर्ज। अपने पिता के निधन के बावजूद उन्होंने राजधर्म को प्राथमिकता दी। उसे निभाया। योगी आदित्यनाथ पहले भी सबसे ऊपर राजधर्म और यूपी की 23 करोड़ जनता का हित देखने को सर्वोपरि मानते रहे हैं। पिता की मृत्यु भी उन्हें अपने इस पथ से विचलित नहीं कर सकी।*



*सीएम योगी आदित्यनाथ को सूचना थी कि उनके पिता आनंद सिंह बिष्ट की तबीयत अत्यंत गंभीर है। एम्स दिल्ली से उनको *एयर एम्बुलेंस से उनके पैतृक गांव में शिफ्ट करने की तैयारी के बीच ही उनका निधन हो गया। वह एम्स के गेस्ट्रो आईसीयू में एडमिट थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 89 वर्षीय पिता *आनंद सिंह बिष्ट की तबीयत खराब होने पर उन्हें 13 अप्रैल को दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती कराया गया था। वरिष्ठ डाक्टरों की टीम उनके इलाज में लगी थी। सीएम योगी आदित्यनाथ के पिता को *लिवर और किडनी की समस्या थी। वह एम्स के एबी 8 वार्ड में भर्ती थे। उन्हें वेंटिलेटर पर रख गया थी। रविवार को उनकी डायलिसिस भी कराई गई थी। शरीर के कई अंगों ने काम करना *कम कर दिया थी। उनकी हालत गंभीर बनी हुई थी।  एम्स दिल्ली *से उनको एयर एम्बुलेंस से उनके पैतृक गांव में शिफ्ट करने की तैयारी के बीच ही उनका निधन हो गया। वह एम्स के गेस्ट्रो आईसीयू में एडमिट थे।*


*इसके साथ जिन मंडलों में सरकारी मेडिकल कॉलेज नहीं है, वहां के अस्पतालों में ही टेस्टिंग लैब स्थापित करना चाहिए। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज अपनी टीम-11 के कार्य की भी रिपोर्ट ली। इसके साथ ही कोरोना मुक्त हुए जिलों में आगे की तैरियों की समीक्षा की। उन्होंने आज से प्रदेश के 56 जिलो में शरू हुए कार्यों और दफ्तरों का भी अपडेट लिया और तब्लीगी जमात के लोगों पर हो रही कार्रवाई की समीक्षा की।*


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