*अमेरिकी आयोग ने भारत से सफूरा जरगर को रिहा करने को कहा*
15/05/2020 M RIZWAN
कोरोना संकट के बीच अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखने वाली एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने भारत में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे मुस्लिमो की गिरफ्तारी का मुद्दा उठाया है।
अमेरिकी आयोग ने कहा कि #COVID19 संकट के दौरान, ऐसी खबरें हैं कि #भारत सरकार #CAA का विरोध करने वाले मुस्लिम कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर रही है, जिसमें सफोरा ज़गर भी शामिल है, जो गर्भवती है। इस समय, #भारत को अंतःकरण के तहत कैदियों को रिहा करना चाहिए, न कि विरोध करने के लिए अपने लोकतांत्रिक अधिकार का अभ्यास करने वालों को निशाना बनाना चाहिए।
https://twitter.com/USCIRF/status/1260926337063292928?s=19
बता दें कि सफूरा संशोधित नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान कथित हिंसा के आरोप में तिहाड़ जेल (Tihar Jail) में बंद हैं और गर्भवती हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया में एमफिल के छात्र सफूरा जरगर पर आरोप है कि उसने प्रदर्शनों के दौरान जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नजदीक अवरोधक लगाए थे।
सफूरा को पहले पूछताछ के लिए बुलाया गया था, इसके बाद से गिरफ्तार कर लिया गया। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर, आलोक कुमार के अनुसार गिरफ्तार आरोपी सफूरा जरगर पर आरोप है कि उसने जाफराबाद इलाके में सीएए विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया, जहां अधिकांश महिलाओं सहित कई आंदोलनकारियों ने पिछले साल संशोधित अधिनियम सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि यूनाइटेड स्टेट्स कमीशन ऑन इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को मुसलमानों के लिए भेदभावपूर्ण और पक्षपाती करार दे चुका है। आयोग की नागरिकता कानून पर ‘फैक्टशीट’ नाम से जारी रिपोर्ट में आयोग ने कहा, “नागिरक पंजीयन (NRC) से सिर्फ मुसलमान प्रभावित होंगे जबकि गैर मुस्लिमों को नागरिकता कानून (CAA) के तहत सुरक्षा प्रदान कर दी जाएगी.