कोरोना योद्धा “होमगार्ड” को दबंगों ने जमकर पीटा फाड़ी-वर्दी, मोदी-योगी से लगाई गुहार

*आशू यादव की खास रिपोर्ट SUB Bureau Chief Kanpur*✒️✒️
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*कोरोना योद्धा “होमगार्ड” को दबंगों ने जमकर पीटा फाड़ी-वर्दी, मोदी-योगी से लगाई गुहार*


*दरअसल मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर दक्षिण के बर्रा थाना अंतर्गत जरौली फेस-2 का है जहां होमगार्ड घनश्याम मिश्रा रहते हैं, होमगार्ड घनश्याम मिश्रा कानपुर ट्रैफिक लाइन में तैनात हैं। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी के चलते मौजूदा समय में होमगार्ड की ड्यूटी यूपी के गैर प्रदेशों में रह रहे प्रवासी मजदूर के अपने प्रदेश में आने के बाद उनके गृह जनपद छोड़कर आने के लिए लगाई गई है।*


*बताते चलें इस वक्त प्रवासी मजदूरों को उनके गृह जनपद छोड़कर आने के लिए कोई भी पुलिसकर्मी जल्दी आगे नहीं आता अंत में बलि का बकरा होमगार्ड को ही बनाया जाता है। खैर मरता क्या न करता कुछ इसी तर्ज पर अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हुए मुस्तैदी से ड्यूटी करने वाले कोरोना योद्धा “होमगार्ड” घनश्याम मिश्रा ड्यूटी से वापस आ रहे थे उन्होंने क्षेत्र के ही कुछ लोगों को भीड़ एकत्र न करने की सलाह दी एवं सोशल डिस्टेंस बनाए रखने का निवेदन किया जिस पर तंज कसते व उनका विरोध करते हुए भला-बुरा कहकर क्षेत्र के ही राम लखन मिश्रा, किशन पांडे, जीसी पाठक, आकाश गुप्ता, लल्लू गुप्ता, मालवीय समेत कई लोगों ने कोरोना योद्धा “होमगार्ड” घनश्याम मिश्रा पर हमला करते हुए जमकर मारपीट की एवं वर्दी भी फाड़ दी बचाव के लिए घनश्याम मिश्रा की पत्नी पहुंची तो कोरोना योद्धा “होमगार्ड” की पत्नी को भी नहीं बख्शा उसे भी जमकर दबंगों ने पीटा।*


*दरअसल बीते कुछ दिनों से ऊपर बताए गए लोगों समेत 10- 15 लोग कभी क्रिकेट खेलते तो कभी जमावड़ा लगा कर घर के बाहर कुर्सियां डालकर झुंड में बैठ जाते थे जिन्हें अक्सर होमगार्ड घनश्याम मिश्रा देखा करते थे घनश्याम से रहा नहीं गया तो घनश्याम ने उन सभी लोगों से सोशल डिस्टेंस बनाए रखने की अपील भर की थी उतने में ही दबंगों ने घनश्याम मिश्रा के संग जमकर मारपीट की। घनश्याम ने मौके पर खुद की जान बचाने के लिए 112 पर सूचना दी एवं बर्रा थाने में आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी जिस पर अभी तक किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई, प्रभारी निरीक्षक थाना बर्रा रंजीत राय ने मामले की जांच संबंधित गुजैनी चौकी इंचार्ज सुभाष को सौंप दी। न्याय की गुहार लगाने वाले ‘कोरोना योद्धा “होमगार्ड” ने जब गुजैनी चौकी इंचार्ज सुभाष चंद्र से मदद मांगी तो गुजैनी चौकी इंचार्ज सुभाष चंद्र ने अपनी वर्दी धर्म को भूलते हुए न केवल कोरोना योद्धा “होमगार्ड” घनश्याम मिश्रा को जमकर फटकार लगाई बल्कि एक जिम्मेदार होमगार्ड को जलील होमगार्ड’ कहकर बेइज्जत कर दिया। इस पर होमगार्ड और चौकी इंचार्ज के बीच तीखी तकरार हुई जिसमें चौकी इंचार्ज ने ऋषि मुनियों की तरह हवा में ही मामले की जांच करते हुए एक अन्य प्रकरण को इस प्रकरण से जोड़कर निष्कर्ष निकालकर होमगार्ड को जाने को कह दिया।प्रकरण को लेकर उच्चाधिकारी कितना गंभीर.इस प्रकरण पर जब आलाधिकारियों से उनका मत जानने के लिए जब बात की तब रोचक तथ्य आए सामने। दरअसल जब हमारे संवाददाता ने क्षेत्राधिकारी गोविंद नगर मनोज* *गुप्ता से प्रकरण पर बात करनी चाही तो क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता ने मामले की जानकारी ना होने एवं मामले को दिखाएं जाने की बात कहकर बात ताल दी और फोन काट दिया। फिर हमारे संवाददाता ने पुलिस अधीक्षक* *कानपुर दक्षिण अपर्णा गुप्ता को फोन किया, अपर्णा गुप्ता ने बताया प्रकरण की जांच मैंने क्षेत्राधिकारी गोविंद नगर मनोज गुप्ता को सौंपी है वे जांच कर रहे हैं।


सबसे बड़ा सवाल ये उठता है हमारे संवाददाता ने क्षेत्राधिकारी* *गोविंद नगर मनोज गुप्ता से बात करने के तुरंत बाद ही पुलिस अधीक्षक कानपुर दक्षिण अपर्णा गुप्ता से बात करी अपर्णा गुप्ता का कहना था मैंने इसकी जांच क्षेत्राधिकारी मनोज गुप्ता को सौंपी है लेकिन क्षेत्राधिकारी* *मनोज गुप्ता ने कहा मुझे एक प्रकरण की जानकारी ही नहीं है..?
*इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अधिकारी कोरोना योद्धा पर हुए हमले को लेकर *कितना गंभीर नजर आ रहे हैं।
*सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब कोरोना योद्धा ही सुरक्षित नहीं है तो भारत कोरोना महामारी से जंग कैसे जीतेगा
जब वर्दी ही वर्दी के दुश्मन बन जायेंगे तो वर्दी की इज्जत कौन करेगा ? 


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