संदिग्ध स्थिति में हुई मौत? मौत नहीं यह है हत्या! : अधिवक्ता

कानपुर 


कई बार कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो सामान्य लगती हैं परंतु उसके पीछे एक गहन साजिश रहती है, ऐसी ही एक घटना उत्तर प्रदेश के शहर कानपुर थाना क्षेत्र चमनगंज से सामने आई है जहां एक अधिवक्ता का दावा है कि यह सामान्य मृत्यु नहीं बल्कि हत्या है। 



कानपुर शहर के थाना चमनगंज के अंतर्गत एक रईस अली खान नाम के व्यक्ति की हुई मौत के बाद उनके भतीजे एवं अधिवक्ता रिजवान अली खान का यह दावा है कि यह सामान्य मौत नहीं बल्कि सजीशन हत्या है।


अधिवक्ता रिजवान अली खान ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके चाचा रईस अली खान जो चमनगंज के निवासी थे उनकी 19/05/2024 में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई इसके बाद 21/06/2024 थाना चमनगंज को प्रार्थना पत्र दिया गया परंतु पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई। अधिवक्ता का आरोप है की कई संदेह इस मृत्यु के बाद हुए इसके बाद अपने स्तर पर तफ्तीश करी और मोनिस उर्फ तनवीर, अदनान पर संदेह हुआ कि इन्होंने मिलकर चाचा रईस अली खान की हत्या करी है क्योंकि वह विवाहित नहीं थे और ना ही उनकी कोई संतान थी तो संपत्ति के लालच में उनकी हत्या की गई है। 



इसके पश्चात जब पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं करी तो अधिवक्ता ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद एफ.आई.आर दर्ज हुई और फिर में मुख्य साजिश करता मृतक रईस की बहन, उनके पति अब्दुल शकील खान, बेटा अब्दुल फरीद खान, अब्दुल अनीस खान और फोजिया को बनाया गया। 


अधिवक्ता रिजवान अली खान का साफ तौर पर यह कहना है की एफ.आई.आर के बाद भी पुलिस नेगिरफ्तारियां नहीं करी है। अधिवक्ता रिजवान अली खान के मित्र अधिवक्ता राजेश तिवारी जो की एडवोकेट एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के महामंत्री भी हैं उनका साफ तौर पर यह कहना है कि इसमें पुलिस को ढिलाई ना बरतते हुए तुरंत कार्यवाही करना चाहिए, जब अधिवक्ता को न्याय में विलंब होगा तो आम जनता का क्या ही होगा।




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