दिल्ली
भारत देश में महिलाओं का स्थान अन्य देशों से अलग है भारत में महिला की बात होती है तो मातृशक्ति भी दिखती है पर वही महिलाओं के प्रति अपराध भी दिखता है।
इसी क्रम में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर DANIP 2008 बैच कि महिला पुलिस अधिकारी अंजीता चेप्याला से की गई खास वार्ता।
साक्षर में जानकारी देते हुए अंजीता चेप्याला ने बताया वह रामागुंडम गांव तेलंगाना से ताल्लुख रखती है दसवीं तक कि शिक्षा वही से उसके बाद बारहवीं तक कि पढ़ाई के लिए उन्हें अलग जगह जाना पड़ा जिसके बाद हैदराबाद से उन्होंने इंजीनियरिंग करी। क्यों कि समाजसेवा में भी रुचि थी कि और क्या किया जा सकता है?
क्यों कि परिवार चाहता था कि विदेश जाके जल्द सेटल हो जाए पर कुछ और करने का मन इस बात को मान नहीं रहा था। उस बीच एक अंकल ने कहा सिविल सर्विस में जाना चाहिए ट्राय करो उसके बाद सिविल सर्विस में आना हुआ।
अंजीता चेप्याला मानती है कि पढ़ाई हमारा बैकग्राउंड बनती है, इंजीनियरिंग के बाद आप जान जाते है कि समस्या को कैसे ठीक करा जाए तो वही सीखा की समस्याओं को कैसे ठीक करें।
आज के समय में कई इंजीनियर सिविल सर्वेंट है। पुलिस कि नौकरी में एक बड़ा क्षेत्र और कोई इकाइयों में कार्य करने का अवसर मिलता है जिससे अदभुत अनुभव होता हैं।
वो बात और है कि पारिवारिक जीवन थोड़ा उथलपुथल रहता है, क्योंकि यह पुलिस की नौकरी है तो कोई फिक्स टाइम नहीं होता, पर इसमें परिवार का भी सपोर्ट रहता है, पर हां थोड़ा मुश्किल भी होता है।
बच्चों को उतना समय नहीं दे पाते पर बच्चे भी आजकल स्मार्ट है, उन्हें पता है कब समय मांगना है वह भी सब समझते हैं।
अपनी पहली तैनाती और कार्यों को साझा करते हुए अंजीता चेप्याला ने बताया कि उनकी पहली पोस्टिंग दिल्ली पुलिस एसीपी साइबर क्राइम ईओडब्लू में रही, इसी क्रम में चंडीगढ़ बतौर डीएसपी, एसडीपीओ, भी कार्य किया, डीएसपी क्राइम अगेंस्ट वूमेन के साथ आईआरबी हेड भी रही, जिसके बाद दिल्ली फिर ट्रांसफर हुआ और ट्रैफिक यूनिट में एसीपी और डीसीपी के पद पर तैनात रही, सुरक्षा यूनिट, एडिशनल डीसीपी न्यू दिल्ली, EOW, और अभी एडिशनल डीसीपी नॉर्थ दिल्ली तैनात है।
अनुभवों को साझा करते हुए अंजीता ने बताया दिल्ली पुलिस समय समय पर महिलाओं से संबंधित शिकायतों और अपराधों पर हमेशा ही काम करती आ रही है। जिस तरहा से समाज बदल रहा है वैसे ही अपराध भी, महिलाओं के प्रति अपराध में भी बदलाव आया है बेस वही रहता है पर तरीके अलग, पर दिल्ली पुलिस भी इससे निपटने के लिए समय समय पर अपने आप को अपडेट करती रहती है।
क्यों कि महिला उत्थान कि बात केवल हमारे देश में नहीं बल्कि अमेरिका जैसे देश में भी होती है। हम उसके सामने अभी बहुत नए है। पर इसे भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि हमारे देश में महिलाओं को एक अलग स्थान दिया जाता हैं। इतना सम्मान किसी ओर देश में देखने को नहीं दिखता पर उसके बावजूद भी अपराध होते है।
नए कानून भी बनाए गए जिससे महिलाओं को और बेहतर न्याय मिल सके। कुछ मामलों में देखा गया है कि महिलाएं अपने कानूनों का गलत इस्तेमाल भी कर देती है जो नहीं करना चाहिए। हम अपने आईओ को जांच के समय निष्पक्ष रहकर जांच करने कि ट्रेनिंग और आदेश भी देते हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध में नाबालिगों के मामलों में कई बार समस्या होती है, क्योंकि वह परिवार में रहती है जिसकी वजह से छोटी बच्चियों गलत होने के बाद भी अपने से आकर नहीं बताती, वहां काउंसिलिंग करना और पता लगाना थोड़ा कठिन हो जाता है पर साइंटिफिक सबूतों के आधार पर काम किया जाता है।
अंजीता चेप्याला कहती है हम तो न्याय दिलवाना चाहते हैं पर कई बार पीड़िता नहीं चाहती कि वह आगे आकर शिकायत करें उसमें अलग चैलेंजेस होते हैं।
इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम राइट, समान अधिकार, एंपावरमेंट है इसमें एक्सीलरेट एक्शन भी है। जिसके तहत हमें सहन नहीं करना, सुरक्षा हमारे हाथों में भी होती है, जैसे ही कुछ गलत होता है वैसे ही हमें तुरंत आवाज उठानी है आगे आकर पुलिस रिपोर्ट करवानी है जिससे इंसाफ मिल पाए, अगर आप रिपोर्ट के लिए आगे नहीं आएंगे तो हम चाहा कर भी मदद नहीं कर पाएंगे। तो सहे नहीं है आवाज उठानी है।
#internationalwomensDay