अध्यापक अध्यापिकाओं को दिया जा रहा है सिर्फ आश्वासन, परीक्षाओं की फीस की गई दोगुना

देश के अंदर तमाम स्कूलों में व कालेजों में शिक्षक छात्रों छात्राओं को पढ़ाते हैं देश का भविष्य तैयार करते हैं, जबकि उन शिक्षकों का भविष्य अंधेरे में है। देश के अंदर तमाम शिक्षा प्रतिष्ठानों में यह देखने को पाया गया है कि शिक्षक शिक्षिकाओं को वेतन नहीं मिल पा रहा है, उनकी पक्के में बहाली नहीं हो रही है। 



साथ ही सरकार द्वारा दिया जाता है सिर्फ आश्वासन। ऐसे ही तमाम शिक्षक जिन्होंने सीटेट यूपीटेट b.ed व अन्य तमाम डिग्रियां हासिल कर ली हो जिसको प्राप्त करने के बाद शिक्षक बना जाता है पर जमीनी स्तर पर हालात कुछ और ही है।


बहुत सारे छात्र-छात्राएं सीटेट यूपीटेट अन्य परीक्षाओं की तैयारी करते हैं फॉर्म भरते हैं जो सरकार द्वारा जारी किए जाते हैं पर इन तमाम चीजों के बाद एक जो चीज सब को कष्ट दे रही है वह है इन फॉर्म की फीस। मध्यमवर्गीय व गरीब छात्र-छात्राओं के पास फॉर्म भरने की पैसे नहीं हो पाते हैं कई छात्र-छात्राओं से बात करने पर उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा फॉर्म की फीस तकरीबन दुगनी कर दी गई है जिससे गरीब असमर्थ बच्चों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 


कुछ छात्राओं ने बताया कि 2018 और 2019 में जो फॉर्म भरे गए थे उनका मूल्य ₹700 था परंतु जो अब फॉर्म भरे जा रहे हैं उनका मूल्य 1200 रुपए कर दिया गया है जिससे सरकार को मुनाफा ही मुनाफा और छात्र छात्राओं को नुकसान ही नुकसान हो रहा है। उत्तर प्रदेश में अक्सर यह देखने को मिला है की परीक्षा उपरांत कोई ना कोई दिक्कत परेशानियां आ जाती है जिसके कारण यादव परीक्षाएं रद्द हो जाती हैं या फिर दोबारा करवाई जाती है।


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