केस्को सीओ का दावा, बिजली चोरी छापों के दौरान नहीं होती है सेटिंग


आज दिनांक 20 फरवरी 2020 को एंटी करप्शन इंडिया के संपादक अतहर हुसैन जी ने केस्को सीओ कानपुर नगर श्री संतलाल जी (पीपीएस) से की खास वार्ता। जोकि 1989-1990 बैच के हैं जो पहले सिविल पुलिस मे थे, अब सीओ केस्को के रूप में कार्यरत हैं। जिसमें श्री संत लाल जी ने अपने विभाग से संबंधित जानकारी दी।



उन्होंने बताया कि कानपुर डिस्कॉम के अंतर्गत कानपुर नगर केसा 1, केसा2 प्रवर्तन दल है जो कि पहले से संचालित है वही कानपुर नगर केस्को में एंटी पावर थेफ्ट के नाम से अब नए थाने भी खुल गए हैं। इन थानों पर एफआईआर लिखी जा रही है, रजिस्ट्रेशन हो रहा है, उनकी विवेचना हो रही है, चार्जशीट भेजी जा रही है, वाह राजस्व की वसूली की जा रही है। कानपुर डिस्कॉम के अंतर्गत दक्षिणांचल की ओर भी थाने खुले हैं।


जालौन, चित्रकूट, हमीरपुर एवं झांसी अभी ललितपुर में भी थाना खुलने वाला है। इंसानों में भी विवेचना दर्ज करके कार्यवाही की जाएगी व राजस्व की वसूली की जाएगी। वीडियो में सत्यता की जांच होने पर ही बिजली चोरी का मुकदमा दर्ज किया जाता है अतहर हुसैन जी से खास वार्ता में श्री संत लाल जी ने बताया की वृहद स्तर पर विद्युत चोरी से निपटने के लिए अभियान चलाया जाता है जिसमें 2 से 3 जिलों का चयन कर एक टीम का गठन किया जाता है जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी स्थानीय क्षेत्र अधिकारी व संबंधित आयुक्त पुलिस बल के साथ मौजूद रहते हैं। 


बिजली चोरी पकड़ने पर अक्सर पाया गया है की बिजली चोरी करने वाला आरोपी छापामारी के दौरान छापा मारने आए कर्मियों से बातचीत कर सेटिंग कर लेते हैं। कुछ कर्मचारी अपने नंबर पास कर देते हैं ताकि मामला सेटल हो सके फिर पैसों की बारगेनिंग होती है जो पैसे देता है वह बच जाता है जो नहीं दे पाता उस पर मुकदमा दर्ज हो जाता है ऐसी शिकायतें अक्सर सुनने में आई है जिसके ऊपर सीओ के स्कोर से बात करी जिस पर केस्को के सीओ ने आरोपों को निराधार बताया। और इस बात से अवगत कराया कि वीडियोग्राफी में सत्यता की जांच होने पर ही कार्यवाही होती है।


 


 


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