*आशू यादव की खास रिपोर्ट SUB Bureau Chief Kanpur*
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*भ्रष्टाचार और जुर्म के खिलाफ हर पल आपके साथ*
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*पालघर मामले में साधुओं के केस लड़ रहे वकील की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत*
*मामले की जांच हो*
*भाजपा सांसद विनय सहस्त्रबुद्धे ने भी जांच की मांग करते हुए ट्वीट किया कि यह चौंकाने वाला है और इसकी जांच होनी चाहिए। मैं महाराष्ट्र के डीजीपी और मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच के आदेश देने के मांग करता हूं।
*विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के प्रवक्ता विजय शंकर तिवारी ने कहा है कि पालघर में संतों के हत्याकांड मामले में न्यायालय में संतों का पक्ष रखने वाले वकील दिग्विजय त्रिवेदी की कार एक्सिडेंट में असामयिक मृत्यू हो गई। हालांकि लोग यह प्रश्न उठा रहे है कि कहीं ये साजिश तो नहीं है, इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए।*
*विहिप प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि पालघर पूज्य संतों की हत्या को एक माह बीतने को हैं किंतु मूल हत्यारे व षड्यंत्रकारी खुलेआम घूम रहे हैं। 400 पर एफआइआर, सिर्फ चंद गिरफ्तार? सीबीआइ जांच से क्यों भाग रही है सरकार? केस से जुड़े वकीलों के सहयोगी की दुखद मौत की भी जांच क्यों ना हो?*
*क्या थी पालघर की घटना*
*16 अप्रैल को मुंबई के कांदीवली स्थित एक आश्रम में रहने वाले सुशील गिरि अपने दो साथियों के साथ किराए की किसी गाड़ी से किसी व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सूरत जा रहे थे। इस दौरान उनकी गाड़ी महाराष्ट्र के अंदरूनी हिस्से से होकर गुजर रही थी। उनकी गाड़ी को वन विभाग के एक संतरी ने दादरा एवं नगर हवेली की सीमा पर गढ़चिचले गांव के पास रोक दिया। इस क्षेत्र में उसके कुछ दिनों पहले से रात में फसल काटने एवं बच्चा चुराने वाला गिरोह सक्रिय होने की अफवाह फैली हुई थी।*
*उस रात करीब 10 बजे साधु सुशील गिरि संतरी से बात कर ही रहे थे, तभी गांव का एक दल आ गया। भीड़ में शामिल लोगों ने गाड़ी में मौजूद लोगों की पिटाई शुरू कर दी। संतरी ने घटना की सूचना 35 किलोमीटर दूर स्थित कासा पुलिस थाने को दी। पुलिस के पहुंचने तक ग्रामीण गाड़ी में मौजूद तीनों लोगों की पिटाई कर चुके थे। घटना के समय कुछ लोग इसका वीडियो भी बना रहे थे।*
*पुलिस टीम ने वहां पहुंचकर पिट रहे तीनों लोगों को पुलिस की गाड़ी में बैठाया, लेकिन करीब 400 ग्रामीणों ने उन तीन यात्रियों सहित पुलिस टीम पर भी हमला बोल दिया और पुलिस की गाड़ी में ही सुशील गिरि और उनके दो साथियों की जान ले ली। इस हमले में कई पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैंपुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 101 लोगों को गिरफ्तार किया था और कई पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था। मॉब लिंचिंग की इस घटना ने पूरे देश को विचलित कर दिया था। इस घटना की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत समेत काफी लोगों ने निंदा की थी।