सरकारी शराब की दुकानें खुलने के बाद, बढ़ा कोरोना का खतरा! जिम्मेदारी किसकी?

कानपुर:-
लॉक डाउन के चलते सरकारी शराब की दुकाने खुलने के बाद जो तस्वीर दिखाई दे रही है वह आने वाले समय में काफी भयानक हो सकती है। शराब की दुकानें खुलने के बाद जो लाखों लोगों की भीड़ उमड़ी है हर राज्य के अंदर वह देखने के बाद यह कहना मुश्किल है कि यह सरकार का सही निर्णय है।



कई जगहों पर लोगों का हुजूम इतना ज्यादा था कि पुलिस को बलपूर्वक भी लोगों को खदेड़ा पड़ा है। ज्यादातर राजधानी दिल्ली से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जहां पर लोग एक बड़ी संख्या में शराब की दुकानों के सामने पहुंचे हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का कहीं पर भी कोई पालन नहीं किया गया है जिसके बाद सरकार ने शराब की दुकानें बंद करवा दी थी।



वही उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर से कुछ तस्वीरें सामने आई हैं। जहां पर कुछ जगहों पर यह देखा गया है कि लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई हैं। व उसी शहर में कई जगह ऐसी भी पाई गई है जहां पर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखकर शराब को खरीदा है। देश की राजधानी दिल्ली में राज्य सरकार ने शराब खरीदने के ऊपर 70% ज्यादा कोरोना टैक्स लेना लोगों से शुरू कर दिया है। परंतु उत्तर प्रदेश सरकार ने अभी तक इस तरह का कोई टैक्स वसूलना शुरू नहीं किया है।


एंटी करप्शन इंडिया के प्रमोद शर्मा सह संपादक कानपुर शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर क्षेत्र की जानकारी ली जिसके अंदर जेके कॉलोनी, जाजमऊ में लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन किया है। जिसके चलते कोरोनावायरस बढ़ने का खतरा भी कई गुना बढ़ गया है और यह सवाल खड़ा करता है कि इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? साथ ही शहर में शास्त्री नगर चार खंबा चौराहे पर भी सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां।


लाजपत नगर ईदगाह क्षेत्र में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर लोगों ने शराब खरीदी। परंतु कई लोगों से इस सरकार के निर्णय पर चर्चा कर लोगों के विचार जाने जिस पर लोगों का कहना है कि यह एक बहुत बड़े खतरे के रूप में सामने आ सकता है। यह एक तरह की खुली छूट है कोरोनावायरस को बढ़ाने के लिए जिसके बाद देश को भारी क्षति पहुंच सकती है।


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