नकवी ने की मुसलमानों से अपील – रमजान में अपने घर में ही करें इफ्तार और इबादत

नकवी ने की मुसलमानों से अपील – रमजान में अपने घर में ही करें इफ्तार और इबादत


13/04/2020   M RIZWAN



नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रमजान को लेकर मुस्लिमों से अपील करते हुए कहा कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान लोग लॉकडाउन एवं सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) बनाए रखने का पूरी तरह पालन करें और अपने घरों में ही इबादत व इफ्तार करें। साथ ही अपने-अपने घरों पर ही इबादत, तराबी आदि करें।


नकवी ने सोमवार को एक बयान जारी कर मुस्लिम समुदाय से आग्रह किया है कि वह रमजान के पवित्र महीने में अपने घर में ही इबादत करें और कोरोना वायरस महामारी से बचाव करें। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने विभिन्न धर्मगुरुओं, सामाजिक-धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधियों, राज्य वक्क बोर्ड के अधिकारियों-पदाधिकारियों से बात करने के बाद यह अपील की है।


उन्होने कहा, धार्मिक-सामाजिक संगठन एवं धर्मगुरु यह सुनिश्चित करें कि रमजान के महीने में मस्जिदों एवं अन्य धार्मिक स्थलों की जगह लोग अपने-अपने घरों में रमजान की धार्मिक जिम्मेदारियों को पूरा करें। उन्होंने बताया कि सेंट्रल वक्फ कौंसिल के माध्यम से सभी राज्य वक्फ बोर्डों को निर्देशित किया गया है कि रमजान के पवित्र महीने में लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंसिंग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करायें।



नकवी ने कहा कि 08-09 अप्रैल को शब-ए-बारात के पवित्र मौके पर राज्य वक्फ बोर्डो के प्रो-एक्टिव प्रयासों और सामाजिक एवं धार्मिक लोगों के सकारात्मक कोशिशों से भारतीय मुसलमानों ने शब-ए-बारात के मौके पर अपने घरों पर ही इबादत और अन्य धार्मिक कार्यों को पूरा किया। शब-ए-बारात पर भारतीय मुसलमानों ने कोरोना के कहर को ध्यान में रखकर लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का जिस ईमानदारी के साथ पालन किया वह सराहनीय है।



अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने कहा कि कोरोना की चुनौती को ध्यान में रखकर देश के सभी मन्दिरों, मस्जिदों, गुरुद्वारों, चर्चों एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर होने वाले धार्मिक कार्यक्रम पूरी तरह रोक दिये गये हैं एवं लॉकडाउन एवं सोशल डिस्टेंन्सिंग का प्रभावी ढ़ंग से पालन किया जा रहा है।


नकवी ने कहा हमारी किसी भी तरह की लापरवाही हमारे परिवार-पूरे समाज और मुल्क के लिए परेशानी बढ़ा सकती है। हमें करोना के कहर को शिकस्त देने की हर मुहिम, दिशा-निर्देशों का गम्भीरता और पूरी ईमानदारी से पालन करना चाहिए।


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